जीवन एक गूंज है
एक छोटा बच्च अपनी माँ से नाराज़ होकर चिल्लाने लगा, "मै तुमसे नफरत करता हूं |" उसके बाद वह फटकारे जाने के डर से घर से भाग गया |वह पहाड़ियों के पास जाकर चीखने लगा, "मै तुमसे नफरत करता हूं, मै तुमसे नफरत करता हूं |उसने जिंदगी में पहली बार कोई गूँज सुनी थी |वह डर कर बचाव के लिए अपनी माँ के पास भागा और बोला घाटी में एक बुरा बच्चा है जो चिल्लाता है मै तुमसे नफरत करता हूं मै तुमसे नफरत करता हूं उसकी माँ सारी बात समझ गई और उसने अपने बेटे से कहा कि वह पहाड़ी पर जा कर फिर से चिल्ला कर कहे मै तुम्हें प्यार करता हूं "मै तुम्हें प्यार करता हूं |छोटा
बच्चा वहां गया और चिल्लाया" मै तुम्हें प्यार करता हूं "मै तुम्हें प्यार करता हूं |और वही आवाज़ गूंजी |इस घटना से बच्चे को एक सीख मिली हमारा जीवन एक गूंज की तरह है |हमे वही वापस मिलता है, जो हम देते हैं
स्टोरी. 2
एक राजा ने अपने सलाहकारों को बुलाकर
उनसे बीते इतिहास की सारी समझदारी भरी बातें लिखने के लिए कहा
ताकि वह उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचा सके उन्होंने काफी मेहनत कर समझदारी भरी बातों पर कई किताबें
लिखी और उन्हें राजा के सामने पेश
किया
राजा को वह किताबें काफी भारी भरकम लगी
उसने सलाहकारों से कहा कि लोग इन्हें पढ़ नहीं पाएंगे इस लिए इन्हें छोटा करो सलाहकारों ने फिर काम किया
और केवल एक किताब लेकर आए
राजा को वह भी काफी मुश्किल लगी
सलाहकारों ने उसे और छोटा किया
इस बार केवल 1 अध्याय लेकर आए
राजा को वह भी काफी लंबा लगा
अब सलाहकारों ने उसे और छोटा कर दिया
और केवल एक पन्ना पेश किया
लेकिन राजा को एक पन्ना भी लंबा लगा
राजा के पास केवल एक वाक्य लिख कर ले आए
राजा उससे संतुष्ट हो गया, राजा ने कहा कि अगर उसे आने वाली
पीढ़ियों तक केवल एक वाक्य पहुंचाना हो तो वह वाक्य होगा
भोजन मुफ्त में नहीं मिलता..
भोजन मुफ्त में नहीं मिलता का मतलब दरअसल यह है कि
कुछ दिए बिना कुछ पा भी नहीं सकते
दूसरे शब्दों में कहे तो हम जो लगाते हैं हम वही पाते हैं
अगर हमने किसी योजना में ज्यादा लागत नहीं लगाई है
तो हमको ज्यादा फायदा भी नहीं मिलेगा बेशक हर समाज में ऐसे मुफ्तखोर भी होते हैं
जो कुछ किए बिना ही पाने की उम्मीद लगाए रहते हैं
एक शिक्षक ने एक बच्चे से पूछा? तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं
बच्चे ने जवाब दिया मुझे मालूम नहीं है पर मेरा ख्याल है कि वह पेन पेंसिल बल्ब और टॉयलेट में इस्तेमाल होने वाले पेपर रोल बनाया करते हैं
क्योंकि वह हर रोज अपने लंच बॉक्स में यही चीजें घर लाया करते हैं
तुलना करना=
सही ढंग से तुलना करना तो ठीक है
गलत ढंग से की गई तुलना से इंसान खुद को हीन महसूस करने लगता है
दूसरों से तुलना किए जाने पर आमतौर पर
हमें उनसे ज्यादा काम करने की क्षमता दिखाने की प्रतियोगी भावना उत्पन्न होती है
के दर्जे के आत्मसम्मान वाले लोग दूसरों से मुकाबला नहीं करते
इसके बजाय वे अपने काम करने की क्षमता में सुधार लाते हैं
वह खुद से ही मुकाबला करते हैं वह अपनी उपलब्धियों की तुलना अपने क्षमताओं से करते हैं|
भय से उत्पन्न प्रेरणा=
एक कंपनी पेंशन योजना शुरू करना चाहती थी
योजना को लागू करने के लिए जरूरी था कि उसे सारे कर्मचारी मंजूरी दे
जॉन के अलावा हर कर्मचारी ने उस योजना को मंजूरी देने के लिए दस्तखत कर दिए
योजना अच्छे थे और सभी कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद थी
लेकिन जॉन के दस्तखत ना करने से रुकावट पैदा हो गई थी
सुपरवाइजर और साथी कर्मचारियों ने उसे दस्तखत करने के लिए मनाने की काफी कोशिश की पर सफल रहे
आखिरकार कंपनी के मालिक ने जॉन को अपने दफ्तर में बुलाकर कहा
जान यहां पहन रखी है और साथ में पेंशन योजना के वे कागजात रखे हुए हैं
होने के लिए तुम्हें दस्तखत करने हैं
अगर
शामिल नहीं होना चाहते तो तुम्हें इसी वक्त नौकरी से निकाल दिया जाएगा
जॉन ने दस्तखत कर दिए तब कंपनी के मालिक ने पूछा कि तुमने दस्तखत पहले क्यों नहीं किए
जॉन ने जवाब दिया इससे पहले किसी ने इस योजना को इतनी अच्छी तरह नहीं समझाया था जिस तरह आपने समझाया है
अक्सर देखा जाता है कि शिकार शिकारी को चकमा दे देते हैं
वजह क्या होती है कि शिकारी अपना भोजन जुटाने के लिए दौड़ रहा होता है
जबकि शिकार अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा होता है
भय के कारण उत्पन्न होने वाली प्रेरणा=
1.इसकी वजह से काम जल्दी पूरा हो जाता है
2.काम समय पर पूरा हो जाने से नुकसान नहीं होता है
3.थोड़े समय के लिए इंसान की काम करने की शक्ति बढ़ जाती है
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