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ये दो कहानियाँ आपको सफल बनने की प्रेरणा देगी | success story in hindi
एक आदमी मेले में गुब्बारे बेच कर गुजर बसर करता था,
उसके पास लाल, नीले, पीले हरे और कई रंगों के गुब्बारे थे |
जब उसकी बिक्री कम होनें लगती तो वह हीलियम गैस से भरा एक गुब्बारा हवा में उड़ा देता |बच्चे जब उड़ते गुब्बारे को देखते, तो वैसा ही गुब्बारा पाने के लिए आतुर हो उठते |
और उस आदमी की बिक्री फिर बढ़ने लगती ¦
उस आदमी की जब भी बिक्री घटती वह अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए गुब्बारे उड़ाने का यही तरीका अपनाता |
एक दिन गुब्बारे वाले को महसूस हुआ कि कोई उसके जैकेट को खींच रहा है,
उसने पलट कर देखा तो वहां एक बच्चा खड़ा था |बच्चे ने उससे पूछा, अगर आप हवा में किसी काले गुब्बारे को छोड़ तो क्या वह भी उड़ेगा?
बच्चे के इस सवाल ने गुब्बारे वाले के मन को छू लिया |बच्चे की ओर मुड़ कर उसने जवाब दिया, बेटा गुब्बारा अपने रंग की वज़ह से नहीं,
ब्लकि उसके अंदर भरी चीज़ की वजन से उड़ता है |
हमारी जिंदगी में भी यही उसूल लागू होता है |
अहम चीज़ हमारी अंदरूनी शख्सियत है |हमारी अंदरूनी शख्सियत की वज़ह से हमारा जो नजरिया बनता है,
वहीं हमें ऊपर उठाता है |
हीरों से भरा खेत =
हफीज अफ्रीका का एक किसान था |वह अपनी जिंदगी से खुश और संतुष्ट था |हफीज खुश इसलिए था कि वह संतुष्ट था |वह संतुष्ट इसलिए था क्योंकि वह खुश था |एक दिन एक अक्लमंद आदमी उसके पास आया |उसने हफीज को हीरो के महत्व और उनसे जुड़ी ताकत के बारे में बताया |उसने हफीज
से कहा अगर तुम्हारे पास अंगूठे जितना भी बडा हीरा हो तो तुम पूरा शहर खरीद सकते हो और अगर तुम्हारे पास मुट्ठी जितना बड़ा हीरा हो तुम अपने लिए शायद पूरा देश ही खरीद लो |वह अक्लमंद आदमी इतना कह कर चला गया |उस रात हफीज सो नहीं सका |वह असंतुष्ट हो चुका था इसलिये उसकी खुशी भी खत्म हो चुकी थी |
दुसरे दिन सुबह होते ही हफीज ने अपने खेतों को बेचने और अपने परिवार की देखभाल का इंतजाम किया और हीरे खोजने के लिए रवाना हो गया वह हीरो की खोज में पूरे अफ्रीका में भटकता रहा पर उन्हे पा नहीं सका |उसने उन्हें यूरोप मे भी ढूँढा पर वे उन्हें वहां भी नहीं मिले |स्पेन पहुँचते पहुँचते वह मानसिक शारीरिक और आर्थिक स्तर पर पूरी तरह टूट चुका था |वह इतना मायूस हो चुका था कि उसने बार्सिलोना नदी में कूद कर खुदकुशी कर ली |
इधर जिस आदमी ने हफीज के खेत खरीदे थे वह एक दिन उन खेतों से होकर बहने वाले नाले में अपने ऊंटों को पानी पिला रहा था |तभी सुबह के वक़्त उग रहे सूरज की किरणें नाले के दूसरी ओर पड़े एक पत्थर पर पडी और वह इंद्रधनुष की तरह जगमगा उठा |यह सोच कर कि वह पत्थर उसकी बैठक में अच्छा दिखेगा उसने उसे उठा कर अपनी बैठक में सजा दिया उसी दिन दोपहर में हफीज को हीरो के बारे में बताने वाला आदमी इस नए मालिक के पास आया |
उसने उस जगमगाते हुए पत्थर को देख कर पूछा क्या हफीज लौट आया? नए मालिक ने जवाब दिया नहीं लेकिन आपने यह सवाल क्यूँ पूछा?
अक्ल मंद आदमी ने जवाब दिया क्यूँकी य़ह हीरा है |
मैं उन्हें देखते ही पहचान जाता हूँ ||नए मालिक ने कहा नहीं यह तो महज एक पत्थर है |
मैंने इसे नाले के पास से उठाया है |आइए मैं आपको दिखाता हूँ, वहाँ पर ऐसे बहुत सारे पत्थर पड़े हुए हैं |उन्होंने वहाँ से नमूने के तौर पर बहुत सारे पत्थर उठाए और उन्हें जाँचने - परखने के लिए भेज दिया |ये पत्थर हीरे ही साबित हुए |उन्होंने पाया कि उस खेत में दूर दूर तक हीरे दबे हुए थे |
इस कहानी से हमें छ: सीख मिलती है -
1.जब हमारा नजरिया सही होता है, तो हमें महसूस होता है कि हम हीरों से भरी हुई जमीन पर चल रहे हैं |मौके हमेशा हमारे पाँवों तले दबे हुए हैं |हमें उनकी तलाश में कहीं जाने की जरूरत नहीं है |हमे केवल उनकों पहचान लेना है |
2.दूसरे के खेत की घास हमेशा हरी लगती है|
3. हम दुसरों के पास मौजूद चीजों को देख कर ललचाते रहते हैं | इसी तरह दूसरे हमारे पास मौजूद चीजों को देख कर ललचाते रहते हैं |हमसे अपनी जगह की अदला-बदली करने का मौका हासिल करके उन्हें खुशी होगी |
4 जिन्हें मौके की पहचान नहीं होती, उन्हें मौके का खटखटाना शोर लगता है |
5. मौका जब आता है तो लोग उसकी अहमियत नहीं पहचानते |जब मौका जाने लगता है, तो उसके पीछे भागते हैं |
6. कोई मौका दुबारा नहीं खटखटाता दूसरा मौका पहले वाले से बेहतर या बदतर हो सकता है, पर वह ठीक पहले वाले मौके जैसा नहीं हो सकता | इसलिए सही वक़्त पर सही फैसला लेना बेहद जरूरी होता है | गलत वक़्त पर लिया गया सही फैसला भी गलत बन जाता है |
दोस्तों आपको ये story कैसी लगी comment करके जरूर बताएं |
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